#Director Vivek Agnihotri cried hugging Anupam Kher during the shooting of The Kashmir Files-The Kashmir Files की शूटिंग के दौरान अनुपम खेर से लिपटकर रोए थे डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री, VIDEO शेयर कर बताई वजह : Rashtra News
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ साल 1990 में कश्मीर में हुए नरसंहार पर आधारित कहानी है। फिल्म में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को देख दर्शकों की आंखे नम हो रही हैं। कई लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हैं। फिल्म की टीम के लिए भी इसे शूट करना चुनौतियों से भरा था। ऐसे कई पल थे जिसमें उन लोगों के भी आंसू नहीं रुक पाए थे। डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री खुद फिल्म की शूटिंग के दौरान फूट-फूटकर रोए थे।
डायरेक्टर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने लंबा-चौड़ा एक कैप्शन भी दिया है। वीडियो में अनुपम खेर हॉस्पिटल के बेड पर लेटे हैं। ये उनका डेथ सीन शूट करते समय का वीडियो है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विवेक उनके गले लगकर रो रहे हैं। अनुपम खेर भी इस दौरान भावुक होते नजर आए।
वीडियो के साथ विवेक ने लिखा,” 2004 में जब मेरी मां की मृत्यु हुई, तो मैं नहीं रोया था। जब 2008 में मेरे पिता की मृत्यु हुई, तो भी मैं नहीं रोया था। लेकिन जब मैंने इस डेथ सीन को अनुपम खेर के साथ शूट किया तो मैं खुद को रोक नहीं पाया, हमारे कश्मीरी हिंदू माता-पिता के दर्द की संवेदनशीलता ऐसी है कि कोई बेटा खुद को नहीं रोक पाएगा।”
इस वीडियो पर यूजर्स ने जमकर कमेंट्स किए हैं। कुछ लोग इस वीडियो को भी प्रोपेगेंडा बता रहे हैं। तुन्ना प्रीत ने लिखा,” ये सब प्रोपेगेंडा है। अगर बेटा या बेटी अपने मां-बाप की मौत पर नहीं रोया। इससे साफ पता चलता है कि वो भावनाहीन है और उसके मन में किसी के लिए दया भाव नहीं है। तो वो किसी के लिए नहीं रो सकता, चाहे वो फिर कश्मीरी पंडित हो या आम पंडित।”
सत्य अनवेशक ने लिखा, ”कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार की कई अनकही कहानियां हैं। कई परिवार पिछले 32 वर्षों से अब भी अंतहीन पीड़ा में हैं।” लेलसन वेसली ने लिखा,”इससे पता चलता है कि आपको असल जीवन में अपने माता-पिता से भी प्यार नहीं है…लेकिन फिल्म निर्माण के दौरान आपके आंसू आ गए (स्क्रीन के लिए नकली प्यार)… असली दुनिया में बस प्यार फैलाओ सर… भगवान आपको आशीर्वाद दे।”
जिगर शाह ने लिखा,”एक ही समय में कितना दुखद और अप्राकृतिक। ऐसा कोई नहीं देखा जो वास्तविक जीवन में अपने माता-पिता के मरने पर रोता नहीं है। लेकिन जब कोई फिल्म में मर जाता है तो रोता है! इस स्तर का ओवरशूटिंग मेलोड्रामा केवल डॉ. देंग और उनके मित्र ही कर सकते हैं।”
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(News Source :Except add some keywords for the headline, this story has not been edited by Rashtra News staff and is published from a www.jansatta.com feed )
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