#देशभर के सिनेमाघरों में फिल्मों का प्रदर्शन पटरी पर लौटा : Rashtra News
कोरोना महामारी के कारण लड़खड़ाया फिल्म कारोबार देश भर में पटरी पर लौट रहा है।
अखिल भारतीय स्तर पर दर्शक सिनेमाघरों की ओर लौट रहे हैं। मराठी पंजाबी, मलयालम, भोजपुरी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, हिंदी फिल्में सिनेमाघरों में दिखाई जा रही हैं। हिंदी और प्रादेशिक फिल्मों का प्रदर्शन यह उम्मीद जगा रहा है कि बीते दो सालों से कोरोना महामारी के कारण लड़खड़ाया फिल्म कारोबार देश भर में पटरी पर लौट रहा है। फिल्में प्रदशर््िात हो रही हैं, पसंद की जा रही हैं और जिन ओटीटी चैनलों को सिनेमाघरों के लिए नई मुसीबत के तौर पर देखा जा रहा था, वैसा कुछ अब दिखाई नहीं दे रहा है।
पखवाड़े भर पहले रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘पावनखिंड’ को देखने दर्शक महाराष्ट्र में 50 फीसद क्षमता से चल रहे सिनेमाघरों में उमड़ पड़े। 13 जुलाई, 1660 को मराठा योद्धा बाजीप्रभु देशपांडे और आदिशाही सेना के सिद्दी मसूद के बीच हुई पावनखिंड की लड़ाई पर बनी इस फिल्म ने पहले हफ्ते में 12 करोड़ का कारोबार किया। 25 फरवरी को चिरंजीवी के छोटे भाई पवन कल्याण और निर्माता डी रामानायडू (करिश्मा कपूर की पहली फिल्म ‘प्रेम कैदी’ के निर्माता) के पोते राणा डग्गूबाती की 75 करोड़ लागत में बनी तेलुगु फिल्म ‘भीमला नायक’ ने मात्र पांच दिन में 150 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया। तेलुगू में ढेर सारी फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं। यही स्थिति कन्नड़, मलयालम, तमिल फिल्मों की हैं।
पंजाबी फिल्म ‘डाकुआं दा मुंडा 2’ भी आज से रिलीज हो रही है। आज से रिलीज हो रही गुजराती फिल्म ‘डियर फादर’ (परेश रावल, मानसी पारेख) के निर्देशक उमंग व्यास मानते हैं कि यह फिल्म रिलीज का सही समय है। दर्शक सिनेमाघरों में लौट रहे हैं।’ आज से ही खेसारी लाल यादव-आम्रपाली दुबे की भोजपुरी फिल्म ‘आशिकी’ भी आ रही है। निर्माता सिनेमाघरों में अपनी फिल्में रिलीज करना चाहते हैं। ओवर द टाप (ओटीटी) चैनलों पर नहीं। अब तो महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए मुंबई में 4 मार्च से सौ फीसद क्षमता से सिनेमाघर खोलने की घोषणा कर दी है, जिससे फिल्मजगत खुश है।
हालांकि बाजार की जिद है कि वह आपको घर के अंदर बंद कर फिल्में दिखाना चाहता है। सो सिनेमा फिर संक्रमण काल से गुजर रहा है। आखिर क्या वजह है कि अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ के निर्देशक नागराज मंजुले अपने निर्माता भूषण कुमार पर दबाव डालते हैं कि फिल्म ओटीटी चैनल नहीं, सिनेमाघरों में रिलीज की जानी चाहिए। भूषण कुमार कई फिल्में बना रहे हैं। चाहते तो दो साल इंतजार करने के बजाय ओटीटी चैनल पर ‘झुंड’ रिलीज कर मुनाफा कमा सकते थे। मंजुले मराठी में ‘सैराट’ जैसी सफल फिल्म बना कर खूब तारीफें बटोर चुके हैं।
वह अमिताभ बच्चन के ‘कट्टर प्रशंसक’ हैं। अमिताभ बच्चन की फिल्में देखकर बड़े हुए। वह खुद ‘बड़े’ बच्चन को छोटे परदे पर देखना पसंद नहीं करते हैं। बिलकुल उसी तरह जिस तरह से अमिताभ बच्चन को पहली बार टीवी पर विज्ञापनों में उतरते देख उनके एक और प्रशंसक राकेश ओमप्रकाश मेहरा (‘रंग दे बसंती’ के निर्देशक) की टिप्पणी थी,‘भगवान छोटे परदे पर अच्छे नहीं लगते।’ सिनेमा, सिनेमा कलाकारों और सिनेमाघरों से ऐसा लगाव है लोगों का। इसे बदले जाने की सारी कोशिशें फेल हो चुकी हैं। मंजुले ने जिद कर सिनेमाघरों में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ रिलीज कर ही ली। मंजुले और भंसाली जैसे फिल्मकारों की बालीवुड में कमी नहीं है, जिन्होंने इंतजार किया मगर ओटीटी पर फिल्म रिलीज नहीं की। यही जिद सिनेमाघरों को बचा रही है।
!function(f,b,e,v,n,t,s)
{if(f.fbq)return;n=f.fbq=function(){n.callMethod?
n.callMethod.apply(n,arguments):n.queue.push(arguments)};
if(!f._fbq)f._fbq=n;n.push=n;n.loaded=!0;n.version=’2.0′;
n.queue=[];t=b.createElement(e);t.async=!0;
t.src=v;s=b.getElementsByTagName(e)[0];
s.parentNode.insertBefore(t,s)}(window, document,’script’,
‘https://connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’);
fbq(‘init’, ‘444470064056909’);
fbq(‘track’, ‘PageView’);
(News Source :Except add some keywords for the headline, this story has not been edited by Rashtra News staff and is published from a www.jansatta.com feed )
Latest Sports News | Latest Business News | Latest World News | Latest Bhutan News | Latest Nepal News | Latest Education News | Latest Technology News