टोंरटो: लोगों को अक्सर खुद को फ्रेश और दिमाग को जवां रखने के लिए योग और मेडिटेशन करते देखा है। वहीं, कुछ लोग दिमाग को जवां बनाए रखने के लिए दवाइयों पर निर्भर हो गए हैं। लेकिन क्या सिर्फ इनके दम पर ही दिमाग की उम्र बढ़ने की प्रक्रीया को कम किया जा सकता है। वैसे तो योग और मेडिटेशन हेल्थ के लिए अच्छे हैं। अगर आप इनके लिए समय निकाल लेते हैं, तो इससे अच्छा तो और कुछ नहीं हो सकता, लेकिन अगर आप योग और मेडिटेशन करने में असमर्थ है या समय नहीं निकाल पाते तो घबराने की कोई बात नहीं है।
आपकी इस समस्या का समाधान भी निकल गया है। जी हां, हाल ही में हुए एक शोध से पता लगा है कि लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों के इस्तेमाल से शरीर चुस्त तो रहता ही है, दिमाग भी दुरुस्त रहता है। साथ ही यह मस्तिष्क को ज्यादा समय तक बुढ़ापे के लक्षणों से भी बचाकर रखता है। शोध के निष्कर्षों से सामने आया है कि वृद्ध लोग अगर सीढ़ियों का प्रयोग करते हैं तो उनका मस्तिष्क सक्रिय रहता है, जिससे मस्तिष्क की आयु बढ़ने वाली प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
कनाडा की कोनकोर्डिया यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक जैसन स्टेफनर ने बताया, “विभिन्न विभागों और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों में ‘टेक द चेयर्स’सीढ़ियों के प्रयोग अभियान का समर्थन देखने को मिलता है।”
स्टेफनर कहते हैं, “यह अध्ययन बताता है कि इन अभियानों में वृद्धों लोगों को भी शामिल करना चाहिए, ताकि वह अपने मस्तिष्क को जवां रख सकें।”
इस शोध में अध्येताओं ने 19-79 आयु वर्ग के 331 स्वस्थ्य लोगों को शामिल किया था। इसके तहत स्टेफनर और इनके सहयोगियों ने प्रतिभागियों के मस्तिष्क की जांच के लिए मैग्नेटिक रेसोनेंस इमैजिंग का उपयोग किया।
स्टेफनर के अनुसार, “यह निष्कर्ष वाकई प्रोत्साहित करने वाले रहे, जब हमें पता चला कि एक सामान्य गतिविधि जैसे सीढ़ियों की चढ़ाई मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने में एक असरदार उपकरण के रूप में हस्तक्षेप कर सकती है।”
यह शोध ‘न्यूरोबायोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
अगर आप भी चाहते हैं अपने दिमाग को युवा रखना, तो आज से ही, आज से ही क्यों अभी से लिफ्ट छोड़ सीढ़ियों का रास्ता पकड़ लें। ताकि आने वाले समय में आपको दवाइयोंऔर मेडिटेसन के भरोसे न बैठना पड़े।
(इनपुट्सआईएएनएससे)