#जहां बोर्ड लगा हो ‘कृपया यहां न थूकें’ वहीं सबसे ज्यादा थूक होती है…कपिल शर्मा ने सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों के बीच बताया मजेदार अंतर : Rashtra News
कॉमेडियन कपिल शर्मा कई बार अपने शो में हंसी-मजाक के बीच गंभीर मुद्दे भी उठाते नजर आते हैं। ऐसा ही एक मौका तब आया जब उन्होंने अपने शो में सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों की तुलना की और बातों-बातों में सरकारी सिस्टम की खामियों को उजागर किया। Voot ने कॉमेडी नाइट्स विद कपिल का एक पुराना वीडियो साझा किया है।
इसमें जज नवजोत सिंह सिद्धू और दर्शकों से मुखातिब होते हुए कपिल शर्मा कहते हैं कि आज हम सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों की बात करेंगे। आप प्राइवेट ऑफिस देखें, एकदम साफ-सफाई, एसी लगे हैं, एकदम टिप-टॉप ऑफिस होते हैं उनके। सरकारी देख लो आप, बिल्कुल उल्टे होते हैं। उनके यहां जो बोर्ड लगा होता है…’कृपया यहां न थूकें’, सबसे ज्यादा थूक वहीं होती है।
कपड़ों में भी फर्क: कपिल कहते हैं, ‘कोई भी डिपार्टमेंट देख लो…सब सरकारी कर्मचारी एक जैसे होते हैं। जैसे मौसम विभाग को ही ले लो। आप उनके पास जाओ और पूछो कि बारिश कब हो सकती है? बताएंगे नहीं कभी….कह देंगे- ‘ये तो बड़े बाबू बताएंगे’। प्राइवेट दफ्तर में चाहे क्लर्क ही हो, वो पूरा बन-ठनकर रहता है। दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी को देख लो। उसके पास टाई नहीं होती…सीने तक पैंट पहने होते हैं।’
सरकारी और प्राइवेट की बीमारियां भी अजब-गजब: इसी तरह आप प्राइवेट और सरकारी अस्पताल को ले लो। प्राइवेट में मरीज जाता है तो उसकी बड़ी जटिल बीमारियां होती हैं, जैसे- माई बीपी इज लो, मुझे डस्ट से एलर्जी हो जाती है…अमीर लोगों की अमीर बीमारियां। सरकारी में बीमारियां कैसी होती हैं….मेरी जांघ पे बालतोड़ हो गया। इसी तरह सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों में भी बड़ा फर्क होता है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की खुद की नजर खराब होती है और उसका खुदका प्राइवेट में इलाज चल रहा होता है..।
एयरलाइंस में भी फर्क: इसी तरह सरकारी और प्राइवेट एयरलाइंस में भी तमाम फर्क है। प्राइवेट में एयरहोस्टेस और दूसरे स्टाफ आपकी सुख-सुविधा का ध्यान रखते हैं। सरकारी में आपको उनका ध्यान रखना पड़ता है। सरकारी जहाज में खाना कम, दवाईयां ज्यादा भरी होती हैं।
‘प्राइवेट वाले ओवरटाइम और सरकारी वाले ओवरवेट के लिए चर्चित’: सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों का फर्क बताते हुए कपिल शर्मा कहते हैं कि कई लोग मुझसे कहते हैं कि आप फेस रीडिंग करते हो? मैं कहता हूं कि मैं फेस नहीं पेट रीडिंग करता हूं। प्राइवेट नौकरी वाले ओवरटाइम के लिए जाने जाते हैं और सरकारी वाले ओवरवेट के लिए। इसी दौरान वो एक शख़्स से बात करते हुए कहते हैं कि…’सरकारी बैंक में तो करंट अकाउंट नहीं खुलता होगा क्योंकि बिजली तो आती नहीं वहां।’
The post जहां बोर्ड लगा हो ‘कृपया यहां न थूकें’ वहीं सबसे ज्यादा थूक होती है…कपिल शर्मा ने सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों के बीच बताया मजेदार अंतर appeared first on Rashtra News.
(News Source :Except add some keywords for the headline, this story has not been edited by Rashtra News staff and is published from a www.jansatta.com feed )
Latest Sports News | Latest Business News | Latest World News | Latest Bhutan News | Latest Nepal News | Latest Education News | Latest Technology News