#CM Kejriwal condemned the violence in Delhi Ashok Pandit took a jibe – जहांगीरपुरी में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की गई- हिंसा पर बोले बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्टर ने केजरीवाल को घेरा : Rashtra News
हनुमान जयंती के दिन निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीर पूरी में हिंसा हुई। हालांकि पुलिस ने मोर्चा संभाला और हिंसा पर काबू कर लिया। जहांगीर पुरी में हुई हिंसा की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निंदा की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की तो फिल्ममेकर अशोक पंडित ने तंज कस दिया।
अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि ‘दिल्ली के जहांगीर पुरी में शोभायात्रा में पथराव की घटना बेहद निंदनीय है। जो भी दोषी हों उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सभी लोगों से अपील- एक दूसरे का हाथ पकड़कर शांति बनाए रखें।’ अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया।
अशोक पंडित ने जवाब देते हुए लिखा कि ‘शोभा यात्रा में नहीं बल्कि शोभा यात्रा पर पथराव हुआ है! खून से भरे हुए हाथों को पकड़ा नहीं जाता बल्कि बांध दिया जाता है! इतनी सी बात अगर समझ में आ जाती तो दिल्ली का यह हश्र नहीं होता!’ बॉलीवुड एक्टर मनोज जोशी ने ट्विटर पर लिखा कि ‘जहांगीर पुरी में आज गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल पेश की गयी।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: नेहा श्रीवास्तव नाम की यूजर ने लिखा कि ‘ये कैसी इबादत है, जिसमें रोजा भी रखते हैं और पत्थर बरसाते हैं, तलवार लहराते हैं। कोई त्यौहार शांति से नहीं मनाने देंगे, सर ये गंगा जमुनी तहजीब वाले।’ जीशान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पूरे देश में जब मुस्लिमों के साथ जुल्म होता है तो आप क्यों कुछ नहीं बोलते? पूरे देश में जो माहौल बना रहे हैं आप लोग उसी का नतीजा दिल्ली में देखने को मिल रहा है।’
अमित कुमार सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पंडित जी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को बोलिए, सब उनकी आंखों के सामने होता है और वो शतुर्मुर्ग की तरह सिर घुसा कर बैठे हैं, जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं है।’ विश्वजीत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विचारणीय प्रश्न है कि जहां-जहां पर हिंदुओं का कोई कार्यक्रम होता है, वहीं पर ऐसा क्यों होता है? फिर भी कहते हैं कि हिंदू असहिष्णु होते हैं।’
कीर्ति देव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इस प्रकार की समस्याओं का एक ही समाधान है कि अवैध रूप से दिल्ली और देश में रह रहे सभी बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को दिल्ली और देश से बाहर कर दिया जाये।’ पिंकेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की देखरेख में एक कमीशन की नियुक्ति सिर्फ इस जांच के लिए की जाये कि “देशभर में मुस्लिम बस्तियों की छतों पर पत्थर कहां से आते हैं और क्यों?”
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