नई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में आमतौर पर बल्लेबाजों को ज़्यादा याद रखा जाता रहा है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब वेस्ट इंडीज़ के तेज़ गेंदबाजों का खौफ दुनियाभर के बल्लेबाजों के चेहरों पर साफ दिखाई देता था, और उनकी तूती इस तरह बोला करती थी कि उनके खिलाफ वर्ष 1983 के वर्ल्ड कप में भारत का जीतना किसी चमत्कार-सरीखा माना गया था… विश्लेषकों के मुताबिक, कपिल देव (Kapil Dev) की कप्तानी में भारतीय टीम को वह जीत इस वजह से हासिल हो पाई थी, क्योंकि हमारी टीम में कई ऑल-राउंडर मौजूद थे, जो बल्ले के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर गेंद से भी अपनी टीम को योगदान दे पाते थे… आज भी टीम इंडिया के हार्दिक पांड्या को बेहद पसंद किया जाने लगा है, क्योंकि वह बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी शानदार प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं…